योगी का जादू व योगी की रणनीति फिर काम आयी भगवा फिर से छाया,सपा की फिर हुई सफाई

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योगी का जादू व योगी की रणनीति फिर काम आयी भगवा फिर से छाया,सपा की फिर हुई सफाई

उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से योगी का जादू सिर चढ़कर बोला।
उत्तर प्रदेश की आवाम ने योगी के कार्यों पर एक प्रकार से अपनी सहमति की मोहर लगा दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति से भाजपा ने विधान परिषद उपचुनाव में जीत हासिल कर ली। भाजपा उम्मीदवार पद्मसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह ने भगवा फहराया। योगी आदित्यनाथ के कुशल रणनीति से अखिलेश यादव की कुटिल चाल धरी की धरी रह गई।
दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। उपचुनाव में सात विधायकों ने मतदान नहीं किया। इनमें सपा के तीन, कांग्रेस के दो, सुभासपा और बसपा के एक-एक विधायकों ने मतदान नहीं किया। बता दें कि 13 मई को नगर निकाय मतगणना में भी समाजवादी पार्टी की स्थिति बहुत दयनीय थी। सपा को महापौर की सभी 17 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मानवेन्द्र को 280 और पद्मसेन को मिले 279 मत
विधान परिषद उपचुनाव में कुल 396 वोट पड़े। एक वोट अवैध घोषित किया गया। इसमें से भाजपा के मानवेंद्र सिंह को 280 और पद्मसेन चौधरी को 279 वोट मिले। वहीं समाजवादी पार्टी के रामकरण निर्मल को महज 116 और रामजतन राजभर को 115 वोट ही मिले।
बता दें कि सीएम योगी ने सुबह ही डाला वोट, 396 विधायकों ने किया मतदान
यूपी के 403 में से 396 विधायकों ने वोट दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह लगभग 9 बजे ही विधान भवन प्रांगण में पहुंचकर मतदान किया। वहीं सपा विधायक रमाकांत यादव, इरफ़ान सोलंकी, मनोज पारस, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी, कांग्रेस के विधायक अनुराधा मिश्रा ‘मोना’, फरेंदा के विधायक वीरेंद्र चौधरी, बसपा के एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

काम आयी योगी की रणनीति
बता दें कि निकाय चुनाव में क्लीन स्वीप के बाद विधान परिषद उपचुनाव में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति काम आई। मुख्यमंत्री ने दोनों सीटों पर कमल खिलाने और अखिलेश यादव की कुटिल चाल को शिकस्त देने के लिए अपने और सहयोगी दलों के विधायकों को सहेज दिया था।
28 मई को नई दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन व बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री सीधे लखनऊ पहुंचे और विधायकों से संवाद कर जीत का खाका तैयार किया। योगी आदित्यनाथ के प्रबंधन के कारण ही भाजपा के खाते में दोनों सीटें आईं और सपा के उम्मीदवार रामकरण निर्मल और रामजतन राजभर को हार का सामना करना पड़ा।
उत्तर प्रदेश में एक प्रकार से लोगों ने योगी के कामकाज पर अपनी मोहर लगा दी है।

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