आये थे भ्रष्टाचार मिटाने,भ्रष्टाचार के सौदागर बन बैठे आम आदमी पार्टी के पार्षद

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भ्रष्टाचार मिटाने आये थे , भ्रष्टाचार के सौदागर बन बैठे आम आदमी पार्टी पार्षद,अब आप को जवाब देते नहीं बन रहा है

राजनीति के कीचड़ को कीचड़ में घुसकर खत्म करेंगे,ईमानदार व पारदर्शी सरकार देंगे जैसे बड़े बड़े वादे करने वाली आम आदमी पार्टी के पार्षद राजनीति का कीचड़ तो साफ नहीं कर पाये,लेकिन उनके हाथ कीचड़ में जरूर सने हुए दिखाई दे रहे हैं।





देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पूर्वी दिल्ली के वार्ड नंबर 217/10ई वेस्ट विनोद में नगर निगम आम आदमी पार्टी की पार्षद गीता रावत को सीबीआई ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
जानकारी मिली है कि पार्षद ने मूंगफली वाले के जरिए रिश्वत लेने देने का खेल खेला। इससे आम आदमी पार्टी में सनसनी फैल गई है। इससे चुनाव पर भी असर पड़ सकता है।





मिली जानकारी के अनुसार मूंगफली वाले सनाउल्लाह के पिता को इस बात का पता चला कि उनके बेटे को किसी ने पकड़ रखा है तो वह दौड़ के निगम पार्षद के ऑफिस गए।वहां जब उन्होंने पूछा कि आपने मेरे बेटे को क्यों पकड़ा है तो उन्होंने कहा कि हम सीबीआई वाले हैं और अभी आपको पता चल जाएगा कि हमने आपके बेटे को क्यों पकड़ा है। उसके पिता को पता चला कि निगम पार्षद गीता रावत रिश्वत के पैसे सनाउल्लाह के माध्यम से निगम पार्षद गीता रावत के पास जाते थे।





सीबीआई ने नोटों पर कलर लगा कर मूंगफली वाले को पैसे दिए थे। वहीं पैसे जब गीता रावत को देने गया तो सीबीआई ने रंगे हाथों पकड़ा और नोटों की तलाशी लेने पर वो वहीं नोट मिले।सीबीआई सनाउल्लाह और निगम पार्षद गीता रावत को अपने साथ सीबीआई ऑफिस ले गई।
सीबीआई के मुताबिक, गीता रावत छत बनवाने के एवज में पीड़ित से 20 हजार की डिमांड कर रही थीं। पीड़ित ने सीबीआई से इसकी शिकायत दी, जिसके बाद सीबीआई ने ट्रेप लगाकर पहले एक बिचौलियों को गिरफ्तार किया जिसको पीड़ित ने 20 हजार रुपए दिए थे। ये बिचौलिया काउंसलर के दफ्तर के बाहर एक रेहड़ी लगाता है। सीबीआई के मुताबिक घूस का ये पैसा गीता रावत को बिचौलिये के जरिये पहुंचना था।



अब देखने वाली बात यह होगी कि आप अपने पार्षद पर रहम करती है या फिर आरोपी पार्षद को बाहर का रास्ता दिखाती है,यह तो वक्त आने पर ही पता चल पायेगा।




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