प्रदीप कुकरेती
वरिष्ठ राज्य निर्माण आंदोलनकारी
जयपाल सिंह रावत नहीं रहे,कुछ समय से जौलीग्रांट अस्पताल में थे भर्ती
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उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच
द्वारा वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व *श्री जयपाल सिंह रावत जी (75)* आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
जयपाल रावत जी पिछले कुछ दिनों से जौली ग्रान्ट अस्पताल में भर्ती थे। कल देर रात 10-बजे उनको अस्पताल के चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया था। वह अपने पीछे पत्नी व विवाहित दो पुत्र एक पुत्री छोड़ गये। वह मूल रूप से जिला पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा के ग्राम सिमलना के निवासी थे और वर्तमान में भण्डारी बाग में रहते थे।उनके पिता जी ने लगभग 50-वर्षो तक लकड़ी के टाल चलाया जिसमे जयपाल जी साथ ही करोबार देखा करते थे। सुबह 11-30 बजे अंतिम संस्कार हेतु हरिद्वार प्रस्थान किया।
केशव उनियाल व वेदा कोठारी ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होने संयुक्त संघर्ष समिति के साथ हमेशा बढ़चढ़ कर प्रत्येक लड़ाई में प्रतिभाग किया और तन मन धन से पूर्ण भागीदारी की।
ओमी उनियाल व जगमोहन सिंह नेगी के साथ प्रदीप कुकरेती ने उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि राज्य आन्दोलन में एक अच्छे व्यवसाई होने के साथ ही हमेशा पृथक उत्तराखण्ड के लिए तन मन धन से तत्पर रहे।
राज्य आन्दोलन के दौरान सर्दियों में धरना स्थल में वह अपनी टाल से लकड़ियाँ भेजा करते थे जब दिन और रात को अलाव जलता था।
अंतिम बार वह पिछले राज्य स्थापना दिवस पर कचहरी परिसर में शामिल हुए थे और किसी भी सहयोग के लिए तत्पर रहते थे। वह अपने पीछे पत्नी व विवाहित दो पुत्र एक पुत्री छोड़ गये।
श्रद्धांजली देने वालों मेंसुशीला बलूनी,जगमोहन सिंह नेगी, केशव उनियाल, ओमी उनियाल,वेदा कोठारी, प्रदीप कुकरेती, रामलाल खंडूड़ी, चन्द्र किरण राणा, ध्यानपाल बिष्ट कैलाश ध्यानी, कलम सिंह गुंसाई, वीरेन्द्र गुंसाई, राजेश पान्थरी, राकेश नौटियाल, शिवानंद चमोली, वीरेन्द्र सकलानी, गौरव खंडूड़ी, भानु रावत, प्रभात डन्डरियाल, धर्मपाल रावत, हेमंत मंज्खोला, आदि थे।