उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष व ऋषिकेश के विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने आज परिवार सहित व बीजेपी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के साथ बहुचर्चित ‘द कश्मीर फाइल्स’ फ़िल्म ऋषिकेश सिनेमा हॉल में देखी। फिल्म के मार्मिक और आश्चर्यजनक दृश्यों को देखकर विधानसभा अध्यक्ष भावुक हुए, उन्होनें इतिहास के काले पन्नों को सामने आने के बाद फिल्म निर्माताओं का आभार जताया।
ऋषिकेश की शम्याप्राश संस्था द्वारा ऋषिकेश स्थित सिनेमाघर रामा प्लेस की सभी 600 सीटों को आरक्षित कर जागरूकता के उद्देश्य से सांय 6 बजे के शो में ऋषिकेश वासियों को निशुल्क इस फिल्म को देखने का मौका दिया। इससे पूर्व इस प्रकरण को यादगार बनाने हेतु ‘हिंदू पुनरुत्थान’ शीर्षक पर एक रैली का आयोजन भी किया गया जिससे हिंदू समुदाय में जागरूकता उत्पन्न हो।
द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखने विधानसभा अध्यक्ष के साथ उनकी पत्नी शशिप्रभा अग्रवाल भी पहुंची थीं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल का शम्याप्राश संस्था द्वारा शो रखा गया था। फिल्म देखकर सभी ने पीड़ा को महसूस किया. जिससे उस दौर के कश्मीर पंडित भाई-बहन गुजरे थे। श्री अग्रवाल ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखकर इसे मानवीय त्रासदी का जीवंत प्रमाण बताया तथा कहा कि इस फिल्म में प्रत्यक्ष रूप से मानवीय घटनाओं का जो चित्रण किया गया है वह अपने आप में महत्वपूर्ण है। यह फिल्म 1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन को दिखाती है।इस फ़िल्म के जरिए लोग उस समय के कश्मीर के हालातों से परिचित हो सकेंगे। उन्होंने फिल्म निर्माताओं तथा कलाकारों का धन्यवाद किया जिन्होंने कश्मीर के हिंदुओं की पीड़ा, हालातों और जघन्य दास्तां को करीब से बड़े पर्दे पर उतारा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जिस मार्मिकता तथा यथार्थ के साथ फिल्मांकन किया गया है वह अपने में सराहनीय है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 और 35 ए को समाप्त कर कश्मीर घाटी में आतंकवाद, अलगाववादी मानसिकता को चकनाचूर कर दिया है। अब वह दिन दूर नहीं जब हमारे कश्मीरी पंडित भाई बहन घाटी में अपने घरों पर लौटेंगे| विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सभी से इस फिल्म को देखने की अपील की है।
इस अवसर पर संस्था के सचिव कार्तिक, सहयोगकर्ता विनायक भट्ट, ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, पीयूष अग्रवाल, सुशील कुमार नौटियाल, जनार्दन कैरवान, सुभाष डोभाल, ब्रह्मानन्द भट्ट आदि उपस्थित थे।