पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन* *असंभव :डॉ0 जे0के0 नेगी*

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डाॅ0 देव कृष्ण थपलियाल

 

*पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन* *असंभव :डॉ0 जे0के0 नेगी*

पैठाणी । विश्व जल दिवस के अवसर पर राठ महाविद्यालय पैठाणी पौड़ी गढ़वाल में आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने वर्तमान में शुद्ध जल के संरक्षण के लिये सामूहिक प्रयासो पर जोर दिया ।
महाविद्यालय की प्राद्यापिका डॉ0 लक्ष्मी जुगराण नौटियाल ने कहा भारतीय संस्कृति में जल को साक्षात् ईश्वर की उपाधि दी गई है कहा जाता है की जल में विष्णु का अवतार है । इसीलिये पानी को कभी भी गन्दा नही किया जाना चाहिये । उन्होंने वर्तमान में पानी संरक्षित करने पर बल दिया । डॉ0 श्याम मोहन सिंह ने हर स्थिति में पानी का दुरुपयोग नही किया जाना चाहिये क्योकि पानी ही जीवन है पृथ्वी पर मात्र 3 प्रतिशत ही जल जिसमे से 2 फीसदी हिमालय की चोटियों में बर्फ, ग्लेशियर तथा नदियो में प्रवाह के रूप में विद्यमान है ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार नेगी ने छात्र/छात्राओ से कहा की जल संरक्षण की दिशा में युवा अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी का निर्वहन कर सकते है, चूँकि वे विभिन्न गाँवों से आते है इसलिय ग्रामीणों के जल के महत्त्व को समझा सकते है । इस समय की थीम ” अदृश्य भूजल को दृश्यमान बनाना” है तभी सफल हो पायेगा जब जमींन भीतर के जल के स्तर को ऊपर उठाया जाय । निरंतर वनो के कटान और उसके स्थान पर कंकरीट की इमारतों के उगने पर चिंता जाहिर करते हुऐ प्राचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार नेगी ने कहा की इस तरह की कार्यवाही से जल का अस्तित्व ही मिट जाएगा इसलिय पानी को बचाने के लिये वनो का उचित प्रवंधन भी जरुरी है ।


संगोष्टी में कला संकाय के अनेक छात्र–छात्राओ ने भी प्रतिभाग किया जल संरक्षण के लिये वर्तमान थीम के मध्यनजर काम करने का संकल्प लिया ।
कार्यक्रम में डॉ0 राजीव दूबे डॉ0 मंजीत सिंह भंडारी डॉ0 वीरेंद्र चन्द डॉ0 देव कृष्ण थपलियाल आदि प्राध्यापक भी उपस्थित रहे ।

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