आप के पाल की मन की बात,क्या है उनकी राज्य के प्रति सोच

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उत्तराखंड क्रांति दल से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाले जुझारू व्यक्तित्व के धनी डी के पाल ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने के बाद किन-किन हालातों से गुजरना पड़,उनकी सोच क्या है,वे करना क्या चाहते हैं सहित अनेक मुद्दों पर उन्होंने बेबाकी से अपनी बात कही है,एक प्रकार से हम कह सकते हैं कि डी के पाल की मन की बात,उनके खुद की जुबानी।क्या ये वो बातें,आप खुद ही पढ़ लीजिए

राज्य के मेरे सम्मानित साथियो व बंधुओ,
आप सभी साथियो से,
में स्वम खुद के बारे में राज्य के प्रति अपने समर्पण भाव को आपके सामने प्रस्तूत कर रहा हु ईसमे कोई गलती रही हो तो माफ करना ।
मान्यवर श्री Prakash Thapliyal जी अपने बिल्कुल सही बात कही है आपने सच कहा कि मे राजनिति में जहा भी रहा हु,पूरी निष्ठा और ईमानदारी से रहा हु और रहूंगा भी ,18 साल ukd में रहा किन्तु ukd ने कभी भी कोई दाग नही दिया मुझे, ukd छोड़ने के बाद में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए
किन्तु मेने पहले 7 महीने में आप पार्टी में कड़ी मेहनत की वहां भी खुद के लिए साफ काम किया , क्योकि में उस वक़्त आम आदमी पार्टी में सिर्फ एक बात पर समर्पित था कि में देवेश्वेर भट्ट को प्रदेश अध्यक्ष आम आदमी पार्टी के अंदर रहते हुए बंनाने के लिये अड़ गया और भट्ट के लिये अब से 10 माह पूर्व आप को छोड़ दिया 35 लोगो के साथ ,फिर देवेश्वर भट्ट जी के साथ एसएसपी का गठन कर उन्हें अध्यक्ष बनाया और भट्ट जी के साथ 1 अगस्त 2020 से 4 मार्च 2021 तक य्यानी 7 महीने में मैं भट्ट जी का अंध भक्त बनकर एसएसपी के लिये दिन और रात 24 घण्टे कड़ी मेहनत कर भट्ट और एसएसपी के लिये की गई पूरी निष्ठा व ईमानदारी से मेहनत की कोई कसर नही छोड़ी सर जी मेरा भगवान गवाह है में जिसके लिये भी काम करता हु समर्पण भाव और पूरी ईमानदारी से सम्मान के कड़ी मेहनत के साथ मेहनत करता हु ,
जब 2002 में भाई राजपाल सिंह रावत जो आज bjp में है उनके द्वारा मुझे 4 अप्रैल 2002 को दिवाकर भट्ट की अध्यक्ष वाली ukd में शामिल करवाया ,में हमेसा दिवाकर भट्ट जी, राजपाल जी व ukd के लिये समर्पित रहा ,
2006 से 2008 तक में bd रतूड़ी जी ukd के अध्यक्ष बने उनके लिये जी जान लगा दी ,2008 में जंतवाल जी ukd के अध्यक्ष बने उन्हें भी हाथों पर उठाकर घूमता रहा ,2010 में ukd टूट गई थी ukd d के अध्यक्ष फिर bd रतूड़ी जी बने हमने बहुत मेहनत कर पार्टी को चलाया ,2012 में दिवाकर भट्ट जी ने ukd छोड़ी और bjp के टिकट पर चुनाव लड़ा ,2013 में ukd फिर एक हुई ,काशीसिंह ऐरी के नेतृत्व में सब एक हुए ,और मैने ऐरी जी के लिये भी बहुत कार्यकर्ताओ को ukd से जोड़ कर खूब काम किया है ,2014 के उप चुनाव में डोईवाला विधानसभा का उपचुनाव भी ukd के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा ,2015 में पुष्पेश त्रिपाठी ukd के अध्यक्ष बने फिर उनके साथ पूरी ईमानदारी से काम किया ,2015 से 2017 विधानसभा चुनाव तक मे दून का जिला अध्यक्ष रहा ,6 लोगो को विधानसभा चुनाव में मजबूत के साथ लड़ाया ,किन्तु 2017 में ukd 0 शीट पर सिमट गई ,2018 में दिवाकर भट्ट को फिर ukd में लाया गया और आते ही उन्हें ukd का अध्यक्ष बनाकर ,2018 से 2020 तक भट्ट जी ने ukd के लिये खूब पैसा लगाया 3 बार गैरसैण घेराव 2 राज्य श्तर के कार्य कर्म गांव बषाओ ,राज्य बचाओ ,आदि किन्तु 2020 तक भट्ट जी भी ukd में नाटक करने लगे ,हठधर्मी ,सीनाजोरी, मनमुटाव ukd में होने लगा ,फिर लड़ाई जैसा मोहोल बनने लगा किन्तु मेंने 2018 से 7 मार्च 2020 तक ukd के अध्यक्ष दिवाकर भट्ट जी व ukd के लिये ईमानदारी व कड़ी मेहनत कर काम किया ,किन्तु जब मैने देखा कि अभी भी ukd जनता के विसवास पर खरा ही नही उतर पा रही है जनता भी ukd के साथ नही खड़ी हो रही है तब मैंने दुखी मन से ukd को 2020 7 मार्च को आप पार्टी जाकर छोड़ा ।
इस सफर में ने राजनीति में बहुत कुछ सीखा ,बहुत सारे आन्दोलन ,छोटे बड़े चुनाव मेरे नेतृत्व में भी किये ,जनता को विसवास में लेने की बहुत कोशिश की किन्तु ukd के 6 नेताओ की आपसी नासमझी कहु या फिर उनकी सूज बूझ जनता को नजर नही आई और ukd का अस्तित्व ही खत्म हो गया , मुझे बहुत पीड़ा भी है कि ukd में अब सिर्फ फड़फड़ाहट है और क्युच नही बाकी आप समझते है ।
मेरा 19 सालो का जिम्मेदारी भरा सफर इस प्रकार रहा है ।जरूर पढियेगा ,ख़ुर्शी मिलेगी मुझे भी ।
1-2002 में ukd पार्टी में प्रवासी प्रकोष्ठ में प्रदेश महासचिव बना राकेश ममगई के अध्यक्ष थे ।
2-2006 में युवा का प्रदेश महासचिव बना ,
3-2007 में में ukd युवा मोर्चा में मुख्य महासचिव बना ,विधायक पुष्पेश त्रिपाठी युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बने थे ,
4-2010-11 में ukd d में पार्टी महासचिव बना bd रतूड़ी अध्यक्ष थे ,
5-2013 में पूरी ukd एक हुई उसमें भी में पार्टी महासचिव रहा ,काशी सिंह ऐरी जी अध्यक्ष थे,
6–2015 में पार्टी का देहरादून का जिलाध्यक्ष बना तब पुष्पेश त्रिपाठी पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष थे,
7-2018 में में पार्टी का महासचिव सन्गठन बना उस वक़्त दिवाकर भट्ट जी पार्टी अध्यक्ष बने ।
8,2019 में भी में ukd पार्टी का महासचिव सन्गठन चुना गया तब भी दिवाकर भट्टजी पार्टी अध्यक्ष थे
9,2020, 13 मार्च को में आम आदमी पार्टी का प्रदेश संगठन मंत्री बना,24 जुलाई 2020 तक इसी पद पर रहा ,यहां आप के प्रदेश अध्यक्ष एस एस कलेर थे ।जो आज भी है ।
10-1अगस्त 2020 को एसएसपी सर्वजन स्वराज पार्टी का गठन हुआ और में पार्टी का वरिष्ठ उपाध्यक्ष बना यहां पार्टी के अध्यक्ष देवेश्वर भट्ट थे ।इसी समय मुझे जगत राम डोगरा जी जैसे एक और सच्चे और अच्छे साथी मीले जो एसएसपी के कार्यकारी अध्यक्ष भी बने ।

  1. सर जी अगर आपने ये पूरा पढा होगा तो आप ईमानदारी से जान सकते है कि उत्तराखंड के हक़ हकूक ,जल जंगल जमीन और युवाओ के प्रति में मेरा कितना लगाव समर्पण और ईमानदारी और समर्पित रहा हु में ,आज भी मेरा भगवान भी जानता है ,और कही भी रहु किसी भी पार्टी में रहूं किन्तु राज्य के गाड़ गदेरे ,बोली भाषा ,पहाड़ वाद पर पूरी ईमानदारी व दृढ़ता के साथ खड़ा रहूंगा ।लड़ता हुआ ही देखोगे आप मुझे मेरे उत्तराखंड राज्य के हक़ और अधिकार के लिये ।
    प्लीज गलती हुई हो तो माफ करना ।
    किन्तु जिन कार्यकर्ता को समस्त पार्टियों को सम्मान देना चाहिए उसे प्रोत्साहित ,व उत्साहित करना चाहिए और उन पार्टियों के आकाओं को भी उस कार्यकर्ता की इज्जत करनी चाहिए उसके उल्टे वह ही इतनी सेवा व भाव के बाद भी आरोप प्रत्योप करते है दुख होता है ,और इनके कारणों से ही लगता है कि हमने भी राजनीति में इन लोगो के लिए टाइम खराब किया है ,किन्तु में ऐसा नही समझता हूं मेने ukd से बहुत कुछ पाया और सीखा है ,मुझे ukd छोड़ने का दुख और मलाल भी रहेगा किन्तु आम आदमी पार्टी में आने की ख़ुर्शी भी महसूस कर रहा हु क्योकि यहां केजरीवाल ,मनीष जी व दिनेश मोहनिया जी अजय कोठियाल सहित सेकड़ो अछे साथी कार्यकर्ता भी है ,यहां भी लड़ाई उत्तराखंड राज्य के अधिकारों की ही है ,और वही लड़ाई लड़ूंगा भी ,जय उत्तराखंड ।
    आपका अपना साथी डीके पाल,
    उत्तराखंड का सबसे बड़ा हितेषी ।
    “जरूरत पड़ेगी तो किसी भी हद तक गुजर जाएंगे,
    अपने उत्तराखंड और उत्तराखंडियों पर आंच नही आने देंगे ,
    जय उत्तखण्ड ,जय हिंद ।

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