पंचायतों को संवैधानिक दर्ज़े के साथ साथ मजबूत लोकतांत्रिक इकाई स्थापित करने में 73 वें संविधान संशोधन की महत्वपूर्ण भूमिका रही-डाॅ0 सुभाष चंद्र पुरोहित(VIDEOदेखें)

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ऊखीमठ,रूद्रप्रयाग।
ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत पंचायतीराज विभाग उत्तराखंड सरकार द्वारा सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण विषय को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ विकास खण्ड सभागार उखीमठ में विधिवत रूप से हुआ। प्रशिक्षण कार्यशाला में विकास खण्ड उखीमठ के निर्वाचित ग्राम प्रधानों एवं रेखीय विभागों के कार्मिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रशिक्षक हरि प्रसाद ममगाईं ने बताया कि सतत विकास लक्ष्य के सत्रह लक्ष्यों को तथा 09 थीम के रूप में परिवर्तित कर लक्ष्य को 2030 से पूर्व हासिल करने की योजना पर निरंतर कार्य किया जा रहा है। पहली थीम गरीबी मुक्त एवं उन्नत आजीविका गाँव का वर्णन करते हुए इससे संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया गया कि किस तरह गाँवों को गरीबी मुक्त किया जा सकता है।
बाल हितैषी गाँव एवं महिला हितैषी गाँव पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि समाज में विकास कार्यों को मूर्त रूप देने के लिए महिलाओं को भी बराबर की भागीदारी निभानी चाहिए।

मुख्य प्रशिक्षक डॉ सुभाष चन्द्र पुरोहित ने 73 वें संविधान संशोधन की भूमिका पर विचार रखते हुए कहा कि पंचायतों को संवैधानिक दर्ज़े के साथ साथ मजबूत लोकतांत्रिक इकाई स्थापित करने में 73 वें संविधान संशोधन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिससे महिलाओं में नेतृत्व एवं निर्णय क्षमता का विकास हुआ है। इस अवसर पर खण्ड विकास अधिकारी,सहायक विकास अधिकारी गोकुल सिंह रावत, प्रधान संघ के अध्यक्ष सुभाष रावत,प्रधान योगेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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