उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा पर्वतीय गांधी स्वo इन्द्रमणि बडोनी जी की जयंती पर *घण्टाघर स्थित बडोनी जी की प्रतिमा* पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजली दी।
स्वo बडोनी जी की जयन्ती को संस्कृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी अवसर पर संस्कृति विभाग की ओर से भी सांस्कृतिक संस्था ने अपने पहाड़ के गीतों के साथ ही देश भक्ति के गीतों को गाकर बडोनी जी को नमन कर श्रद्धांजली अर्पित की।
आंदोलनकारी मंच की ओर से जगमोहन सिंह नेगी व ओमी उनियाल ने कहा कि वह स्वo बडोनी जी के नेतृत्व में वो शक्ति थी कि सभी उनके पीछे चल पड़े और गाँधी वादी तरीके से इस राज्य की प्राप्ती हुई।
प्रदीप कुकरेती व पूरण सिंह लिंगवाल के साथ ही केशव उनियाल ने कहा कि इण्द्रमणी बडोनी जी राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की दूसरी प्रतिमूर्ति थे उनके जन आन्दोलन की रणनीति व संघर्ष को देखते हुए BBC को कहना पड़ा कि यदि किसी ने आज गाँधी को देखना है तो उत्तराखण्ड के आन्दोलन के प्रणेता इण्द्र्मणी बडोनी को साक्षात पहाड़ो में जाकर मिले।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुरेन्द्र कुमार व वेदा कोठारी ने पुष्प चढ़ाकर उन्हे याद किया और राज्य आन्दोलन के दिनो को याद किया।
आज CPI के प्रमुख तपन सेन व राज्य आंदोलनकारी व किसान नेता सुरेन्द्र सजवाण जी ने पुष्प चढ़ाकर बडोनी जी के योगदान को याद किया।
श्रद्धांजली अर्पित करने हेतु ओमी उनियाल, जगमोहन सिंह नेगी, केशव उनियाल, वेदा कोठारी, रामलाल खंडूड़ी, प्रदीप कुकरेती , सुरेन्द्र कुमार, पूरण सिंह लिंगवाल, मोहन खत्री, जीतमणी पैन्यूली, ललित जोशी, यशवीर आर्य, प्रभात डन्डरियाल, सुरेश नेगी, अमित जैन, मोहन रावत, सुरेन्द्र सजवाण, हरी सिंह मेहर , दीपक गैरोला, सुशील चमोली, लक्ष्मी बिष्ट, प्रमिला रावत, सुलोचना गुंसाई, रामेश्वरी रावत, नरेन्द्र नेगी, कलम सिंह, विपुल नौटियाल , महेश जोशी विशेष रूप से मौजूद रहे।