मनुष्य की गरिमा सर्वोपरी : नेगी

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डाॅ0 देव कृष्ण थपलियाल

*मनुष्य की गरिमा सर्वोपरी : नेगी*

मानव अधिकारों को लेकर ‘राष्ट्रीय सेवा योजना’ की महाविद्यालय इकाई द्वारा आयोजित की गईं विचार गोष्ठी ।

*पैठाणी* । राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा विश्व मानवाधिकार दिवस के सुअवसर पर राठ महाविद्यालय पैठाणी पौड़ी गढ़वाल में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमे मुख्य वक्ता के रुप में पूर्व प्रधानाचार्य श्री डी0एस0 नेगी उपस्थित रहे ।
मानव अधिकारों को लेकर प्राध्यापकों व स्वयंसेवी छात्र/छात्राओं के मध्य हुए व्यापक विचार-विचार विमर्श में वक्ताओं नें कहा की मानव व मनुष्यता की गरिमा की सुरक्षा अत्यंत जरुरी है । वर्तमान में चर्चित अंकिता भंडारी की निर्मम हत्या को डॉ0 विरेन्द्र चंद नें कहा की जनता की जागरूकता का परिणाम है, की सरकार लगातार अपराधियों को खोज रही है ।

उन्होंने कहा की जब हम जागरूक होंगे और दूसरों के अधिकारो को लेकर भी सजग होंगें तो निश्चय ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नहीं होगी । डॉ0 राजीव दुबे नें कहा की मानवता के इतिहास नें दो युद्धों की विभीषिका झेली हैं और उसका परिणाम भी दुनिया नें देखा है । जब तक मनुष्य, मनुष्य राष्ट्र, राष्ट्र को सम्मान नहीं देगा तब तक ऐसी त्रासदियाँ मानवता को झेलनी ही पड़ेगी ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री डी0एस0 नेगी कहा की सभी मनुष्य एक सामान हैं क़ोई बड़ा अथवा छोटा नहीं हो सकता । मानव जन्म से समान है । इसीलिये समानता के आधार पर उसके साथ प्रेम और भ्रातृत्व का व्यवहार किया जाना चाहिए।
स्वयं सेवी छात्रा कु0 अंजलि नें कहा की सयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1948 में स्थापित मानवाधिकार आयोग इसीलिये स्थापित किया गया था की वह मनुष्य के मुलभुत प्राकृतिक अधिकारों की रक्षा कर सके ।
कु0 अनीता नें कहा की आज भी हमारा समाज जातियों और वर्गों में बंटा हुआ है । जब तक ये जातीय विभिन्नता खत्म नहीं हो जाती तब तक मानव अधिकारों की सुरक्षा होना संभव नहीं है । उन्होंने महिला-पुरुषों के बीच में अंतर को भी साझा किया जबकि आज बेटियां आसमान छु रही है ।
कु0 दीक्षा नौटियाल नें कहा की समाज में प्रेम और शोहार्द अत्यंत जरुरी है ।
विचार गोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य अतिथि श्री डी0एस0 नेगी द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया । स्वयं सेवी छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना तथा दूसरे प्रेरणा गीत, लोकगीत के साथ शुरू हुआ ।

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