आप की सरकार बनने पर इंटर्न चिकित्सकों को दिल्ली की भांति मानदेय मिलेगा-उमा सिसोदिया
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स्टाइपेंड बढ़ाने को लेकर इंटर्न डॉक्टरों के आंदोलन को आप ने अपना समर्थन दिया है।
आप प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने कहा कि पूरे भारत में सबसे कम स्टाइपेंड इंटर्न डाॅक्टरर्स के उत्तराखंड में है जिसको लेकर अब इंटर्न डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं और इसको बढ़ाने की मांग कर रहे हैं ।इसी मामले पर आज आप का एक प्रतिनिधिमंडल उमा सिसोदिया के नेतृत्व में सचिवालय पहुंचा । इंटर्न डॉक्टर्स के स्टाइपेंड बढ़ाए जाने की मांग को लेकर आप प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात करनी थी ,लेकिन उन्हें कोविड का हवाला देकर सचिवालय में प्रवेश नहीं करने दिया गया और ना ही उन्हें अधिकारियों के फोन नंबर उपलब्ध कराए गए,जिस वजह से वो किसी भी अधिकारी से इस संबंध में बात नहीं कर पाई। जिसके बाद उन्होंने वहीं से इंटर्न डॉक्टर्स की स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग की ।
आप प्रवक्ता ने कहा, ये बडा ही दुर्भाग्य है कि, जो इंटर्न डाॅक्टर दिल्ली सरकार में 23,500 रुपये प्रतिमाह स्टाईपेंड पा रहे हैं उन्हें 11साल से उत्तराखंड में महज 7500 रुपये दिये जा रहे हैं और वो भी पिछले डेढ से दो महीनों से उनको भुगतान नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि, प्रदेश को बने हुए 20 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी हमारा प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बिलखने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि, ये प्रदेश का दुर्भाग्य है कि , 20 सालों में भी प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं। लेकिन जो चिकित्सक सेवा मे लगे हुए हैं उन्हें भी सरकारी नीतियों का शिकार होना पड रहा है। उन्होंने कहा कि, 11 सालों से प्रदेश में इंर्टनशिप कर रहे चिकित्सकों का स्टाइपेंड नहीं बढाया गया है ,जो अभी भी 11 सालों में महज 7500 रुपये है, और ये स्टाइपेंड पूरे देश मे दिया जाने वाला सबसे कम मासिक स्टाइपेंड है। जो उत्तराखंड में इंटर्न चिकित्सक को मिलता है। जबकि दिल्ली सरकार इंटर्न चिकित्सकों को 23,500 रुपये प्रतिमाह देती है। अब उत्तराखंड सरकार से नाराज ,प्रदेश के तीनों मेडिकल काॅलेज के इंटर्न चिकित्सक इस मांग को बढाने के लिए प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती उनका प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा।
आप प्रवक्ता ने कहा कि, रविवार को तीनों मेडिकल काॅलेज के 50 प्रतिशत डाॅक्टरर्स ने तीन घंटे का कार्य बहिष्कार किया और अपनी मांग बढाने की बात कही । उन्होंने कहा कि, डेढ महीने से इन चिकित्सक को मानदेय भी नहीं दिया गया है। जो सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि, एक ओर प्रदेश में डाॅक्टरों का टोटा बना हुआ है और ऐसे में जो लोग स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए अपनी जी जान से जुटे हुए हैं उन लोगों को सरकार दरकिनार कर रही है। उन्होंने कहा आम आदमी पार्टी इंटर्न चिकित्सकों के साथ हैं और इनके आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए सरकार से मांग करते जल्द ही दिल्ली की तर्ज पर इनका स्टाइपेंड बढ़ाए नहीं तो आप इन इंटर्न चिकित्सकों के साथ मिलकर आंदोलन को और मजबूत करेगी।
आप प्रवक्ता ने कहा कि, इंटर्न चिकित्सकों के साथ आखिर ये भेदभाव क्यों। कोरोना काल के दौरान इन्हीं इंर्टन चिकित्सकोंने अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना मरीजों की सेवा की ,लेकिन अब सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा उस सरकार से आम जनता कैसे विश्वास करें जिसके मंत्री बड़े ठेकों को छोटे छोटे रूप में बांटकर, अपने कार्यकर्ताओं को देने की बात कर रहे हैं। इसी ज्यादा इस सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती जहां पिछले 11 सालों से दोनों राष्ट्रीय दलों की सरकार रह चुकी लेकिन इंटर्न चिकित्सकों के स्टाइपेंड में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। आप प्रवक्ता ने कहा,आप की सरकार आते ही दिल्ली की तर्ज पर इंटर्न डॉक्टरों को स्टाइपेंड मिलेगा।
आप प्रवक्ता ने कहा, यह सरकार की ही नीतियों का अभाव है कि आज डाॅक्टरर्स ना तो उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में आ रहे हैं और ना ही पहाड चढ रहे हैं,लेकिन जल्द ही ये व्यवस्था नहीं सुधारी गई तो आने वाले समय में लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए और भी ज्यादा लाचार होना पडेगा जिसकी जिम्मेदार राज्य सरकार होगी।