हिमालय से जुडा है, मनुष्य का अस्तित्व : डॉ0 जीतेन्द्र कुमार नेगी
“हिमालय दिवस” के अवसर पर राठ महाविद्यालय पैठाणी में आयोजित हुई विचार गोष्ठी व शपथ कार्यक्रम ।
महाविद्यालय की कला संकाय परिषद ने आयोजित की विचार गोष्ठी
पैठाणी । हिमालय दिवस के अवसर पर राठ महाविद्यालय पैठाणी (पौड़ी गढ़वाल) में हिमालय के संरक्षण पर महाविद्यालय के कला संकाय परिषद द्वारा एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमे हिमालय क्षेत्र में हो रहे अंधाधुंध विकास कार्यो से हिमालय की सेहत बिगड़ने को लेकर वक्ताओं नें चिता की ।
वक्ता श्री राम सिंह नेगी कहा की हिमालय हमारे जीवन अस्तित्व से जुडी महत्वपूर्ण कड़ी है, हर युवा का सपना होना चाहिए की वह हिमालय के संरक्षण में कुछ न कुछ योगदान प्रदान करे,बी0पी0एड के छात्र विवेक ने कहा की हिमालय से जुडी हर चीज हमें प्रभावित करती है,मनुष्य का अच्छा होना हिमालय पर निर्भर है ,बी0ए0 प्रथम वर्ष की छात्रा कु0 अनिता ने कहा की अंधाधुंध विकास व आराम देह जीवन शैली के कारण हम लगातार प्रकृति का दोहन करते जा रहे हैं,जो केवल मनुष्य के विनाश को आमंत्रित करता है ।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार नेगी नें हिमालय की उत्पत्ति,स्वरूप व अस्तित्व से सम्बंधित अपने सारगर्भित व्याख्यान में बताया की किस तरह हिमालय ने आकर लिया और पृथ्वी के जीवधारियों को अपना योगदान दिया मनुष्य इस धरती क्षण भर का मेहमान है, अगर उसे अच्छा जीवन जीना है तो वह हिमालय की क़द्र करना सीखे, तभी हिमालय मनुष्य व उसकी भावी पीढ़ी को अपनी छाँव प्रदान कर सकेगा । गोष्टी का संचालन करते हुऐ डॉ0 देव कृष्ण थपलियाल ने कहा की जिस हिमालय को बचाने में “चिपको” की मातृ शक्ति ने अपने प्राणों की आहुति तक देने को तैयार थीं उसी धरती को आज छलनी से खोदा जा रहा है । गोष्ठी को महाविद्यालय के डॉ0 लक्ष्मी नौटियाल, डॉ0 राजीव दुबे,डॉ0 बीरेंद्र चन्द,डॉ0 गोपेश कुमार सिंह,डॉ0 राजकुमार पाल व श्री राहुल सिंह आदि प्राद्यापको ने संबोधित किया । गोष्टी के बाद महाविद्यालय की तीनो विभागों शिक्षा, कला और शारीरिक शिक्षा विभाग के छात्र/छात्राओ व प्राद्यापको डॉ0 प्रवेश कुमार मिश्रा, डॉ0 प्रदीप कुमार, डॉ0 उमेश चंद्र बंसल डॉ0 राकेश कुमार, डॉ0 अरविन्द कुमार, डॉ0 रवि नौटियाल आदि प्राद्यापक नें परिसर में एकत्र होकर हिमालय को बचाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुऐ, प्रतिज्ञा ली,प्राचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार नें प्रतिज्ञा दिलाई जिसे सभी छात्र/छात्राओ ने दोहराई।