राज्य आंदोलनकारी अवतार बिष्ट ने लगाये प्रशासन पर आरोप,लापरवाही के कारण 500 लोग फंसे रहे जाम में
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चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय अभियान समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह बिष्ट ने आपदा प्रबंधन पर आरोप लगाते हुवे कहा कि आपदा प्रबंधन की घोर लापरवाही 20 जुलाई प्रातः 10:00 बजे से 21 जुलाई प्रातः 10:00 बजे तक रही। मामूली रूप से हुए भूस्खलन पर चंपावत प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण 500 लोग जाम में फंसे रहे, रात के अंधेरे में जहां पर ना तो लाइट की व्यवस्था की गई और ना ही किसी भी अधिकारी के द्वारा भोजन पानी और दूध की व्यवस्था की गई जाम में फंसने वालों में बहुत बड़ी संख्या छोटे-छोटे बच्चे महिलाएं वह बुजुर्ग की थे। राहत सामग्री ले जा रहे वाहन भी जाम में फंसे रहे सुबह जोरदार वर्षा के बीच लोगों में खौफ का माहौल था।
बिष्ट में बताया कि रात्रि को संरक्षक धीरेंद्र प्रताप के द्वारा उत्तराखंड सरकार के जिम्मेदार लोगों को फोन किया गया तत्पश्चात रात 3:00 बजे तक विभिन्न अधिकारी व कर्मचारियों के फोन किया,अधिकारी फोन पर झूठे आश्वासन देते रहे।
कहा कि हमने बार-बार उनसे लाइट की व्यवस्था एवं बच्चों के दूध की व्यवस्था हेतु निवेदन किया लेकिन रात भर झूठे आश्वासन देते रहे। टनकपुर पिथौरागढ़ मार्ग पर छोटे-छोटे भूस्खलन हुए हैं अगर जिला प्रशासन जागरूक होता तो कुछ बात बनती।
सुबह 9:00 बजे जब अधिकारियों व जिला प्रशासन पर दबाव बनाया तब अधिकारी मात्र ₹2 वाले बिस्कुट के पैकेट कुछ लोगों को वितरित कर फोटो खिंचा कर चलते बने,जबकि छोटे बच्चों के लिए दूध व पानी की व्यवस्था हेतु निवेदन किया गया था। कहा कि राज्य में हर वर्षात में आपदा आती है,उत्तराखंड राज्य को बने हुए आज 21 वर्ष हो चुके हैं भारतीय जनता पार्टी तीन मुख्यमंत्री बदलने के बाद भी उन्होंने कागजों में तो विकास किया, लेकिन धरातल पर आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
यदि अधिकारियों व सरकार का जनता के प्रति ऐसे ही गैर जिम्मेदाराना रवैया भविष्य में भी जारी रहा तो और राज्य के आपदा प्रबंधन की घोर लापरवाही रही तो भविष्य में कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।